पहले निर्भया ,फिर दिल्ली रेप केस,फिर आशिफा ,ट्विंकल, फिर हैदराबाद,दिशा .................................................................... हां दोस्तों ये लिस्ट अंतहीन है, जो पल में जन्नत जैसी जिंदगी को नर्क से बदतर कर देतीहै ..,
नमस्कार मेरा नाम है योगेश गेंद्रे और मै भी इस वक़्त वही बात कहना चाहता हूँ जो आपके मन में इस वक़्त चल रहा होगा जो इस वक़्त हर गली हर व्यक्ति के जुबान में आ रही है जिसकी शोर आज पुरे भारत में हर तरफ गूंज रही है | जी हां मई बात क्र रहा हु अभी हाल हि में इतने सारे एक के बाद एक जो रेप कांड हुए इसका जिम्मेदार कौन है ?और ऐसा हमारे समाज मेंनमस्कार मेरा नाम है योगेश गेंद्रे और मै वही बात कहना चाहता हु जो आपके मन में इस वक़्त चल रहा होगा जो इस वक़्त हर गली हर व्यक्ति के जुबान में आ रही है जिसकी शोर आज पुरे भारत में हर तरफ गूंज रही है | जी हां मई बात क्र रहा हु अभी हाल हि में इतने सारे एक के बाद एक जो रेप कांड हुए इसका जिम्मेदार कौन है ?और ऐसा हमारे समाज में कब तक चलेगा हम सभी जानते है ये सब आज इतना सामान्य हो गया है की पेपर में भी अगर ऐसी खबर आय तो हम बिना पढ़े हि पेज बदल देते है क्यूंकि हम सब तंग आ चुके ये सब पढकर,देखकर सुनकर और आखिर में फीर वही सवाल झें में गूंजती है शोर बनकर निकलती है की आखिर ऐसा कब तक चलेगा ,कब तक कब तक
मै इन मामलो में हर जगह हमेशा एक ही सवाल पूछता हु और एक ही जवाब देता हू |
सवाल- हर बार की तरह इस बार भी क्या फिर से न्याय का भरोसा दिया जायेगा और तब तक जब तक किसी और लड़की के साथ ऐसा नही हो जाता तब तक ये केस अदालत में पड़ी रहेगी आखिर उन दरिंदो के हौसले कब तक बुलंद होते रहेंगे ,
और जरा ध्यान दीजियेगा क्या ऐसो लोगो के हौसले बुलंद करने मे हमारा सहयोग नही है ? क्या इसमें हमारी सुरक्षा व्यवस्था जिम्मेदार नही है क्या रेप होने बाद किसी लड़की के आत्म्दाह कर देने में हमारे समाज में वर्सो से चले आ रहे संकुव्चित मानसिकता का हाथ नहीं है ?आखिर जिस देश में लड्कियो को देवी स्वरुप मानने का रिवाज है ,संस्कार है उसी देश में उन्ही संस्कारों को जिन्दा कर और उसका गला घोंट देने के पीछे हमारा दोष नहीं है ?
चाइना में रपे केस की पुष्टि हुई तो दोषी को तुरंत मौत की सजा दी जाती है ,उत्तर कोरिया में रेपिस्ट को तटकर सर में गोली मार दी जाती है |संयुक्त अरब अमीरत में कई जुर्मों के लिए कुछ अलग-अलग सजाएं हैं, लेकिन बलात्कारी को सीधे मौत की सजा सुनाई जाती है। यूएई के कानून के मुताबित यदि किसी ने सेक्स से जुड़ा अपराध किया है तो उसे सात दिनों के अंदर ही फांसी दे दी जाती है।
सऊदी अरब में अगर कोई भी शख्स रेप का दोषी पाया जाता है तो अपराधी को फांसी पर टांगने, सिर कलम करने के साथ-साथ उसके यौनांगों को काटने की सजा सुनाई जा सकती है। दोस्तों ईराक जैसे छोटे देश में दोषियों को ७ दिनों के अन्दर मौत का फरमान दिया जाता है ,
और भारत जैसे देश में जहा स्त्रियों व् महिलाओं को बड़े ही सम्मान जनक ढंग से देखा जाता है वहा हकीकत में हकीकत कुछ और ही देखने को मिल जाती है | एक दो तीन चार पांच घटनायें नही सैकड़ो रपे केस हर महीने भारत में दर्ज किये जाते है उनमे से कितनो को न्याय मिलता है ?
आज मै फिर पूछना चाहता हू - माननीय सत्ताधारी महोदय ;- मै इस देश का जागरूक और युवा नागरिक हू और इस देश की संविधान का श्रद्धापूर्वक सम्मान करता हूँ | मेरा आपसे सवाल है आपने यातायात और चालन सम्बन्धी नए कानून लागू किये ,जो लोग कभी हेल्मेत नही पहना करते थे उन्होंने हेलमेट पहन कर गाड़ी चलाना सिख लिया , रोड सेफ्टी और अवेरनेस में जनमानस में एक बड़ा सकारात्मक बदलाव देखने को मिला| आपने नोत्बंदी की करोडो अरबो रूपए लुटेरो के बोरे में भरे पाय गये , काफी कुछ सुधार हुआ इससे, आपने हमारी शान जम्मू कश्मीर को अपना पूर्णांग तो फिर बनाया , क्यूंकि उसे अपने बाप की जागीर समझने वाले कुछ लोग हमारे युवाओं को गुमराह करने के लिए हर स्तर पर दुश्मनों का साथ देने के लिए इस्तेमाल किया करते थे , आपने तिन तलाक ख़त्म किया ., फिर किसी की बेटी किसी की बहन किसी की वाइफ किसी की भतीजी आखिर कब तक ऐसे ही दरिंदो के शिकार बनते रहेंगे| ऐसी लोग हमारे ही आसपास रहते है और ये लोग केवल माहौल का फायदा उठाकर छेड़खानी और रेप जैसे जघन्य अपराध को अंजाम देते है , और सच कहूँ तो माहौल से ज्यादा दोष है मानसिकता का , आखिर हम हमारा सामाज व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से कितने जिम्मेदार है इन अपराधियों को ऐसा मौका देने में या उनका हौसला बढ़ाने में, आय दिन बस में ट्रेन में किसी लड़की या महिला के साथ हो रहे बदसलूकी का कभी कपल्स को पकड़ कर पीटने और हैवानियत करने का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होते रहते है, ट्रेंड करते रहते है और आज ये सब हमारे समाज इतने ज्यादा होने लगे है की हम कल्पना भी नहीं का सकते|
सरकार महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण को लेकर कई योजनाय चला रही है जिसकी जरुरत भी है लेकिन जरा सोचिये जब लड़की घर से कोचिंग के लिए ७ किलोमीटर दूर जाती है तब वापस आने की भी कोई गारेंटी नही होती, चाँद पर परचम लहराने चुके भारत में आज भी महिलाओ का बेटियों का रात तो रात दिन में भी जाना मना है उसके लिए परमिशन लेना पड़ता है शाम 7 बजे के बाद घर से बहार निकलना भी मना है ये वही भारत है जहा से कल्पना चावला astronaut बनकर निकली थी ये तो वही भारत है जहा की दुर्गावती उर्फ़ लक्ष्मीबाई ने विदेशी हुकूमत से अपने हक औए मर्यादा की लड़ाई लड़ी और पुरे अंचल की सुरक्षा की थी , फिर आज जब इतनी तकनिकी सहायता उपलब्ध है लोग जागरूक और सभ्य हों चुके है लडकियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है उसे भारत में आशिफा ट्विंकल , डॉक्टर, निर्भया जैसे हजारो केस रोज सुनने को क्यों मिलता है ,
इसका एक ही समाधान है अब बस और नही अब ये सुरत किसी भी कीमत पर हम सबको एक जुट होकर बदलना होगा , दोस्तों सरकार कब तक सिर्फ आश्वाशन ही देती रहेगी खैर जिस भी स्तर में हो सरकार अपना काम कर रही है और हमें उनके खिलाफ प्रदर्शन करने की बजाय उनका सहयोग कर इस समस्या से हमेशा के लिए बेटियों को निजाद दिलाना होगा , अब हमें मिलकर -
- यह सुनिश्चित करना होगा की हम अपने समाज में लडकियों व महिलाओं के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे है या नहीं|
- अब हम सब को एक नयी सकारात्मक शुरुआत करनी होगी मै अक्सर अपने फ्रेंड्स से कहता रहता हु अगर हर लड़का घर से बाहर कोई भी लड़की अकेली हो या रात में अकेली दिखे तो उसे अपनी जिम्मेदारी समझकर उसे सुरक्षित घर छोड़ने की एक मानसिकता विकसित करे शपथ ले यद्यपि हर लड़के के लिए हर बार ऐसा करना संभव नही है लेकिन आअवश्य्क्त के अनुरूप हम अपना फ़र्ज़ समझकर लडकियों को प्रोटेक्शन दे बिना किसी स्वार्थ के तो शायद इससे एक बड़ा बदलाव आ सकता है [ हालांकि व्यवहारिक रूप से ऐसा होना मुश्किल लगता है ]
- महिलाओ की सुरक्षा के लिए जितना हम पुरुषो को आगे आना होगा उतना भी उन्हें स्वयं अपने सुरक्षा के लिए जिम्मेदार बनना होगा
- दोस्तों हम स्टेटस तो बड़ी आसानी से लगा देते है अकेली लड़की मौका नही जिम्मेदारी है लेकिन कही न कही सच में सच में सोच को अपनाने की हम सबको जरुरत है
- सुरक्षा सर्वप्रथम अपनी जिम्मेदारी है इसलिए सभी आधुनिक लडकियों को आत्मरक्षा के साधारण गुर सिखने ही चाहिए साथ ही उन्हें इतना शार्प और khnowledgble होना पड़ेगा की वे अपनी सुरक्षा कर सके
- सरकार से उनके लापरवाहियो के लिए उसका पूरा विरोध करना चाहिए साथ में उनके साथ मिलकर हमें सामाजिक स्तर पर एक अच्छा व् सकारातमक पर्यावरण तैयार करना होगा जिसमे हमारी देश की बेटिया चैन की सांस ले सके|
दोस्तों हर बार मानवता को शर्मसार करने वाले ऐसे कृत्य सामने आने के बाद बवाल मच जाता है पुरे देश में और जब तक यह बवाल ठंडा भी नही हुआ होता एक लड़की को कोर्ट में न्याय मिला भी नही होता की फिर कहीे ऐसे हीं ब्रेकिंग न्यूज़ फिर से देखने को मिल जाता है
दोस्तों यदि हम इस समस्या को हमेशा के लिए ख़तम करना चाहते है तो अब ये जरुरी है की इस पर कड़ाई से एक्शन लिया जाय और साथ ही छोटी छोटी बाते है जिनका अपराधी फायदा उठाते है उनका ध्यान रखे ताकि दोबारा ऐसी घटना हो न हो दोस्तों मै फिर कहना चाहता हूँ सरकार कुछ करे या न करे हम चाहे तो बहुत कुछ कर सकते है लड़की चाहे कोई भी हो उसकी सुरक्षा हम सबकी जिम्मेदारी है कर्त्तव्य है , हैदराबाद वाकी घटना तो पहले से वाकिफ था लेकिन ३ दिन में ही और इतने सारे काण्ड जो हुए है उन सबने मुझे अन्दर तक हिला दिया और मै लिखने पर मजबूर हो गया की आखिर कब तक.......
अब बस ... I will take stand against every rape and rapist on the spot and never let it happen again, every girl is a responsibility of all civilians.
चलो मिलकर एक एक नया campaign चलते है ताकि कल फिर किसी और की बेटी ,बहन , दोस्त के साथ ऐसा कभी ना हो और समूचे मानवता सभ्यता को कलंकित करने वाले ऐसी हैवानियत और हैवानो से हमारे की सुरक्षा हो हर बच्चे हर महिला हर लड़की की सुरक्षा हो सके .....
दोस्तों ये अर्टिकल एक रिक्वेस्ट है एक प्रयास है एक संवेदना उस दर्द के लिए जो उन रेपिस्ट ने पुरे देश को दिया है जरुरत बस इसी बात की है उन्हें और हर रेपिस्ट को सिर्फ एक ही सज़ा मिलनी चाहिए और वो है मौत -...
इस लेख का उद्देश्य और भावार्थ बस इतना है की अब हमें ये सब रोकना ही होगा इससे पहले की अब और किसी लड़की, उसके परिवार को इस ऐसा कुछ देखना पड़े आइये `#Thats_it ` hashtag के साथ बदलाव लाने में अपना सहयोग दे मुझे उम्मीद है आप मेरे विचारो से सहमत होंगे क्यूंकि अब और ना सहा जा सकता है ना कहा जा सकता है अब बस इन्साफ चाहिए,सुरक्षा चाहिए thats it.
चलो मिलकर एक एक नया campaign चलते है ताकि कल फिर किसी और की बेटी ,बहन , दोस्त के साथ ऐसा कभी ना हो और समूचे मानवता सभ्यता को कलंकित करने वाले ऐसी हैवानियत और हैवानो से हमारे की सुरक्षा हो हर बच्चे हर महिला हर लड़की की सुरक्षा हो सके .....
दोस्तों ये अर्टिकल एक रिक्वेस्ट है एक प्रयास है एक संवेदना उस दर्द के लिए जो उन रेपिस्ट ने पुरे देश को दिया है जरुरत बस इसी बात की है उन्हें और हर रेपिस्ट को सिर्फ एक ही सज़ा मिलनी चाहिए और वो है मौत -...
इस लेख का उद्देश्य और भावार्थ बस इतना है की अब हमें ये सब रोकना ही होगा इससे पहले की अब और किसी लड़की, उसके परिवार को इस ऐसा कुछ देखना पड़े आइये `#Thats_it ` hashtag के साथ बदलाव लाने में अपना सहयोग दे मुझे उम्मीद है आप मेरे विचारो से सहमत होंगे क्यूंकि अब और ना सहा जा सकता है ना कहा जा सकता है अब बस इन्साफ चाहिए,सुरक्षा चाहिए thats it.
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