...दुनिया से मतलब कोई नही रखना चाहता लेकिन स्टेज पर तालिया सभी चाहते है।
...अहमियत कोई किसी को नही दे रहा , लेकिन इज्जत सभी पाना चाहते है।
...बुराई लोग अक्सर करते है लोगो की, तारीफ़ अपनी सभी सुनना चाहते है।
...चंद पैसो की जरुरत कोई किसी की पूरी नही करता,
सहायता की अपेक्षा सभी करते है।
...हम भी मिटटी है तुम भी मिटटी हो,
राख भी मिल जाता है मिटटी में, फिर भी,
कुछ लगे है चंद सिक्को की गिनती में तो कुछ घिस रहे है कागजी टुकड़े कमाने में।
....भरोसा ही बांधे रखती है रिश्तों की मर्यादा,
बेसर पैर के वादों से कुछ नही होता,
बेधड़क सरफिरे ही करते है कुछ कारनामें,
समझदारो में जागती आखो के सपने भी टूट जाया करते है।
.....छोटी छोटी बातों पर पराय हो जाते है लोग अपनों से ,
पर...ज़िन्दगी भर का साथ सभी को चाहिए।
...अपने ही जलते हैं अपनों से, दोष किरण देने वाली सूरज को देते है।
लंबी सांस लेने की भी फुरसत नही लोगो के पास, वक़्त जाया सभी करते है।
...फूलों की ख़ुशबू सभी को चाहिए, देखभाल करना कोई नही चाहता।
....साफ़ हवा सभी को चाहिए ,पेड़ लगाना कोई नही चाहता।
उठे मंजिल तक, उड़े आसमान तक, चढ़े हर सीढ़ी अपने ख्वाब के दुनिया तक।
,रोशनी की तरह चमकना सभी चाहते है, पर लौ की तरह जलना कोई नही चाहता।
....ज़िन्दगी अनमोल है, कीमत सभी की कुछ खाश होती है यहाँ, 24 कैरेट का सोना सभी को बनना है मगर , उसकी तरह तपना कोई नही चाहता।
* खताओं को माफ़ कीजिये, कुछ अच्छा लगे तो याद कीजिये* ..





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